शिक्षा संकाय (बी0एड0)
अवधि : 2 वर्ष, स्वीकृत प्रवेश : 100
यह कॉलेज सीसीएस विश्वविद्यालय, मेरठ से संबद्ध तथा एनसीटीई, भारत सरकार द्वारा विधिवत अनुमोदित एक पूर्णकालिक 2 वर्षीय डिग्री पाठ्यक्रम प्रदान करता है, जो भारत में संपूर्ण शिक्षक शिक्षा कार्यक्रमों के संचालन और विनियमन के लिए एक शीर्ष निकाय है।
यह पाठ्यक्रम भावी शिक्षकों को माध्यमिक शिक्षा की प्रकृति, उद्देश्य और दर्शन को समझने और विशिष्ट शिक्षणशास्त्र, पाठ्यक्रम विकास और उसके सतत मूल्यांकन से संबंधित दक्षताएँ प्राप्त करने में सक्षम बनाता है ताकि माध्यमिक एवं उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के छात्रों में रचनात्मक सोच विकसित हो सके। बी.एड. पाठ्यक्रम का उद्देश्य शैक्षिक इनपुट के रूप में सामुदायिक संसाधनों का विकास, उपयोग और विश्लेषण करना भी है।
प्रवेश प्रक्रिया :
प्रवेश केवल उत्तर प्रदेश राज्य विश्वविद्यालयों द्वारा आयोजित राज्य स्तरीय सामान्य प्रवेश परीक्षा (यूपी बी.एड. जेईई) के माध्यम से होगा।
पात्रता मापदंड :
  • बी.एड. पाठ्यक्रम में आवेदन करने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है।
  • कोई ऊपरी आयु सीमा मानदंड नहीं है
  • अभ्यर्थी भारत का नागरिक होना चाहिए।
  • यूपी राज्य कोटे के लिए आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को निवास मानदंड को पूरा करना होगा।

  • शैक्षणिक योग्यता :
  • उम्मीदवार के पास किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से स्नातक या स्नातकोत्तर में न्यूनतम 50% अंक होने चाहिए।
  • बी.टेक या इंजीनियरिंग में स्नातक उम्मीदवारों को गणित, विज्ञान और अन्य विषयों में न्यूनतम 55% अंक प्राप्त करने चाहिए।
  • सफल अभ्यर्थी आगे की काउंसलिंग प्रक्रिया के लिए पात्र होंगे। यूपी बी.एड. काउंसलिंग कार्यक्रम जेईई परिणाम घोषित होने के बाद आधिकारिक वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।
  • काउंसलिंग के बाद अभ्यर्थियों को आवंटन पत्र और सत्यापन के लिए अन्य आवश्यक दस्तावेजों के साथ कॉलेज में रिपोर्ट करना होगा।
  • बी.एड. कोर्स में आवेदन की अधिक जानकारी के लिए यूपी बी.एड. जेईई की आधिकारिक वेबसाइट देखें।

  • ग्रामीण छात्र-छात्राओं को उच्च शिक्षा प्रदान कर देश का जिम्मेदार नागरिक बनाने के उद्देश्य से श्री भृंगु बाबा महिला महाविद्यालय,धामूपुर,ग़ाज़ीपुर उ0प्र0, की स्थापना की गयी की स्थापना प्रायः ऐसी जगहों पर की गयी है जहाँ पहले से महाविद्यालयों का अभाव है। स्थापना इन्हीं उद्देश्यों को ध्यान में रखकर की गयी। यह संस्थान कई एकड़ के परिसर में विकसित किया गया है। इस महाविद्यालय में उल्लेखनीय सफलता पायी है। छात्र-छात्राओं के बीच खेलकूद और शिक्षणेतर गतिविधियों की सुदृढ़ परम्परा यहाँ की विशेषता रही है।

    वार्षिकोत्सव, सांस्कृतिक कार्यक्रामों का आयोजन एवं प्रेरिकी के माध्यम से छात्र-छात्राओं से सम्पर्क तथा महाविद्यालय के विकास के सन्दर्भ में समय-समय पर मूल्यांकन महाविद्यालय की मुख्य विशेषताएं हैं | ग्रामीण एवं पिछड़ें क्षेत्रों के छात्र-छात्राओं के सर्वागीण विकास के लिये यह महाविद्यालय संकल्पित एवं प्रतिबद्ध हैं |

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